हकीकत हो या ख्वाब तुम ही बतलाओ...
दुर खडी हो कीतनी देर से करीब आजाओ...
सुबह को हो जेसे शामका गुमा एसे मत तरसाओ...
जुल्फो मे चेहरा कुछ जाहीर कुछ छुपा मत दिखाओ...
धडकनो से सुनी पाव की झंकार बन के करीब आजाओ...
मील जाती हो तुम हर मोड पर मंजील बन के आजाओ...
चली जाती हो मुजे छोड के एसे मत तरसाओ....
फीर पुकारो मुजे मेरा नाम लेके कहो JN आजाओ...
दोडा आउंगा बस एकबार JAAN बन के पुकारो.....jn
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