ना तुम से दुर जा सकता हु,,
ना तेरे करीब आ सकता हु...
ना तुजे दील मे रख सकता हु,,
ना दील तेरे बीन धडका सकता हु...
ना तुम्हे कुछ केह सकता हु,,
ना चुप रेहे के सेह सकता हु...
न तुम्हे देख सकता हु,,
ना देखे बीन जी सकता हु...
ना दुनियाकी भीड चल सकता हु,,
ना ही इस "जगत" मे जी सकता हु....जगत..(jn)
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