હું અને મારી કવિતાઓ ...તારી કલ્પનાઓની.....
Thursday, August 23, 2012
फिर तेरी याद आइ....
दील ना जाने क्यु तुम्हे चाहे जा रहा है...
ए गुनाह है या इश्क नही जानते पर...
अगर गुनाह है तो बार बार करेंगे,,
ओर इश्क है तो मरते दम तक करेंगे....jn
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