Tuesday, July 30, 2019

मोहब्बत।।।

तेरी बाजार में इतनी दौलत कहां ।।
जिसका मोल मिल जाए वो मोहब्बत कहां ।।

दिल खोलकर बैठे हैं तेरी दहलीज पर।।
बेबसी हमारी, तुम्हारे पास इतनी फुर्सत कहां।।

मजबूर होकर बैठे हैं रिश्तो के बंधन में।।
लाऐ भी तो लाए खुद में उतनी हिम्मत कहां।।

कुबूल हो जाए हमारी दुआएं ऐसे ही।।
हाथ जोड़कर मांग ले ऐसी इबादत कहा।।

सजाए बैठे हैं सारे *जगत* की गलियां।।
एक तु दौड़ी आए फिर ऐसी जन्नत कहां।।..jn

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