जिंदगी हसती रही हमारी और मौत बदनाम हो गई।।
मन्नते करने वाले बहोत थे क्या करें उम्र हमारी कम हो गई।।
बस दुआओं में याद रखना यह सोच थी हमारी।।
किस्मत तो देखो एक ही पल में हस्ती हमारी खो गई।।
जिंदगी के राज लोग हमसे पूछा करते थे और मुस्कुराते थे।।
वक्त पर कैसे भरोसा करें, हमारी मौत ही एक राज बन गई।।
किस के कंधे पर हम सर रखते और दिल का हाल बताते ??
मरने के बाद भी लोग कंधे बदलते रहे और अर्थी निकल गई।।
सारे जगत का बोझ उठाने का जिम्मा हमने तो नहीं लिया था।।
फिर क्यों जलती चिता देखके, हर आंख छलकती गई।।
जे एन पटेल (जगत)
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