Thursday, March 31, 2011

बस देखने दे आज मनभर के...

जी मे आता है की 
जीभर के प्यार करु...

दील केहता है आज 
दील खोल के दीदार करु...

मन से जुडी आप की 
हर मुराद पुरी करु...

तन से नीकली मेहेक 
आज मेह्सुस करु...

सारे जंहा की खुशी दु
हर पल तेरा दीदार करु...

तेरी हर आहट के लीए
हर पल तरसा करु...

सोया देखा आज "जगत" ने
बस जीभर के देखा करु......जगत (jn)

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