Sunday, September 4, 2011

केसे कहे JN अपनी JAAN को,,,

रोज तो जागते थे उन की यादो मे...

आज जागते गए उनकी तन्हाइयो मे...

रात गुजरती रही करवटे बदलने मे...

आंखे आज भीगती रही उनकी तडप मे...

जब आइना देखा तो वो ना थे इन आंखो मे...

पर केसे कहे JN अपनी JAAN को,,,

वो तो बेहते हे हमारी नस नस मे.....jn

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