Friday, June 18, 2010

हर दुआ काबुल नहीं होती

दिन हुआ है तो रात भी होगी,
हो मत उदास कभी तो बात भी होगी,
इतने प्यार से दोस्ती की है खुदा की कसम
जिंदगी रही तो मुलाकात भी होगी.
कोशिश कीजिए हमें याद करने की
लम्हे तो अपने आप ही मिल जायेंगे
तमन्ना कीजिए हमें मिलने की

बहाने तो अपने आप ही मिल जायेंगे .
महक दोस्ती की इश्क से कम नहीं होती
इश्क से ज़िन्दगी ख़तम नहीं होती
अगर साथ हो ज़िन्दगी में अच्छे दोस्त का
तो ज़िन्दगी जन्नत से कम नहीं होती
सितारों के बीच से चुराया है आपको

दिल से अपना दोस्त बनाया है आपको
इस दिल का ख्याल रखना
क्योंकि इस दिल के कोने में बसाया है आपको .
अपनी ज़िन्दगी में मुझे शरिख समझना
कोई गम आये तो करीब समझना
दे देंगे मुस्कराहट आंसुओं के बदले
मगर हजारों दोस्तो में अज़ीज़ समझना ..

हर दुआ काबुल नहीं होती ,
हर आरजू पूरी नहीं होती ,
जिन्हें आप जैसे दोस्त का साथ मिले ,
उनके लिए धड़कने भी जरुरी नहीं होती

jnpatel

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