Saturday, July 30, 2011

केहता हे JN आज फीर से हमे JAAN से प्यार हो गया.

आज वो एसे याद आए के दील कुछ धड्कन चुक गया...

आंखे आज दील को ना समजी ओर पानी बेहता गया...

अजीब हे ए दील के दर्द यारो ना हो तो....

दील के दर्द देकर भी वो कुछ अनमोल पल दे गया...

जेसे आसमान से पानी ना आया ओर बादल गरज गया...

आज जेसे कोइ म्रुग्जल से मेरी प्यास छीपा गया...

कुछ लम्हे दुर होते हुए भी अपना बना गया...

आज ना सोए फिर भी मीठे ख्वाब सजाता गया...

ख्वाब मे भी अपने होठो की नीसानी बना गया...

सारे हसीन ख्वाब को कोइ अपनी हकिकत बना गया...

केहता हे JN आज फीर से हमे JAAN से प्यार हो गया.....jn

No comments:

Post a Comment